
हाल ही में जाने माने लेखक, आलोचक और लघुकथा के प्रमुख हस्ताक्षर अशोक भाटिया की नई पुस्तक – लघु कथा में प्रयोग, का विमोचन राष्ट्रीय लघुकथा उत्सव, 2023 पश्चिम बंगाल में हुआ। पुस्तक का प्रकाशन अनुज्ञ बुक्स द्वारा किया गया है। लघुकथा में प्रयोग, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लघुकथाओं में प्रयोगों पर यह एक नई दृष्टि प्रदान करने वाली पुस्तक है। यह पुस्तक लघुकथा के नए और पुराने दोनों तरह के लेखकों के लिए बेहद जरूरी नजरिया प्रस्तुत करती है।

अशोक भाटिया जी ने देशे विदेश के लगभग 70 से अधिक लेखकों की 100 से अधिक लघुकथाओं का अध्ययन कर जबरदस्त निष्कर्ष निकाले हैं। उनका स्पष्ट मत है कि जिस तरह से कला कला के लिए नहीं, जीवन के लिए होती है वैसे ही प्रयोग केवल प्रयोग के लिए नहीं बल्कि रचना को और अधिक शक्तिशाली व पठनीय बनाने के लिए होते हैं। वह ब्रेख्त का हवाला देते हुए कहते हैं कि – कुछ कलाकारों के साथ यही दिक्कत है जो अनेक दार्शनिकों के साथ हुआ करती है, जब वे दुनिया को देखते हैं, रूप की तलाश में वे वस्तु से हाथ धो बैठते हैं। – रचना में – मैं – नामक पात्र माली के कहने पर एक जयपत्र की झाड़ी को गेंद का आकार देना शुरू करता है। काटते-काटते झाड़ी बहुत छोटी हो जाती है। माली देखकर कहता है – बेशक यह गेंद है, मगर जयपत्र की झाड़ी कहा हैं। तो रूप, शिल्प या प्रयोग के चक्कर में वस्तु को विकृत नहीं किया जा सकता। वस्तु को बेहतर ढंग से पाठक तक पहुंचना ही शिल्प आदि का मंतव्य होता है।

प्रकाशक – अनुज्ञा बुक्स
पृष्ठ – 208
मूल्य – 300 रुपये
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